मंदिर–मस्जिद बयानबाज़ी पर बंगाल में सियासी घमासान तेज़
ममता बनर्जी के मंदिर निर्माण अभियान पर भाजपा ने विभाजनकारी राजनीति का आरोप लगाया। टीएमसी विधायक की मस्जिद घोषणा से विवाद बढ़ा। दोनों दल चुनाव से पहले धार्मिक राजनीति में जुटे हैं।
पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंदिर निर्माण अभियान ने नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है। विपक्षी भाजपा ने इस पहल को “विभाजन की राजनीति” करार देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री मंदिरों की बात करती हैं, जबकि उनकी टीम के कुछ सदस्य मस्जिदों की घोषणा करते हैं।
यह विवाद तब उभरा जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद जिले में एक मस्जिद बनाने की योजना की घोषणा की। भाजपा ने आरोप लगाया कि यह कदम टीएमसी की “तुष्टिकरण की राजनीति” का हिस्सा है। भाजपा लंबे समय से ममता बनर्जी पर हिंदू विरोधी होने तथा अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए अवैध प्रवास को बढ़ावा देने के आरोप लगाती रही है।
पूर्व भाजपा राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली ने कहा कि ममता बनर्जी मंदिर निर्माण कर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों को प्रभावित करना चाहती हैं। उन्होंने दावा किया कि टीएमसी की यह रणनीति चुनावों से पहले मतदाताओं को धार्मिक आधार पर बांटने की है।
और पढ़ें: संविधान दिवस पर पीएम का आह्वान, राहुल और ममता ने संविधान की रक्षा का संकल्प दोहराया
हालांकि, विधायक हुमायूं कबीर ने चुनावी कोण से इनकार किया। उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस की घटना ने उन्हें मस्जिद निर्माण का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया।
मंगलवार को ममता बनर्जी ने भी वोटर सूची संशोधन के खिलाफ मार्च के दौरान न्यू टाउन, कोलकाता में दुर्गा मंदिर बनाने की घोषणा की। इसके साथ ही, सिलिगुड़ी में महाकाल मंदिर के निर्माण का भी प्रस्ताव है, जहां भाजपा की पकड़ मज़बूत मानी जाती है। इसके लिए विधानसभा ने 25 एकड़ भूमि आवंटित की है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ममता बनर्जी का मंदिर निर्माण अभियान उत्तर बंगाल के हिंदू मतदाताओं को पुनः जोड़ने की कोशिश है, जहां 2021 के चुनाव में भाजपा ने 54 में से 30 सीटें जीती थीं। यदि इस बार टीएमसी इन क्षेत्रों में बढ़त बनाए रखने में सफल रहती है, तो भाजपा को राज्य में लगातार चौथी हार का सामना करना पड़ सकता है।
और पढ़ें: मध्य प्रदेश में अडानी कोयला परियोजना पर बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई को लेकर कांग्रेस का हमला