ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की सुप्रीम कोर्ट से गुहार: कानून के कारण बंद हो रहे कारोबार
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नए कानूनों और भारी टैक्स की वजह से उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है और कई कंपनियों को बंद करना पड़ा।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी कठिनाइयों को सामने रखते हुए कहा है कि नए कानून और भारी कराधान (taxation) की वजह से उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कंपनियों का कहना है कि इन नियमों के कारण न केवल उनकी आय घट रही है बल्कि कई कंपनियां पूरी तरह से बंद होने की स्थिति में पहुँच गई हैं।
कंपनियों ने अदालत को यह भी बताया कि इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और निवेश पर इसका गहरा असर पड़ रहा है। भारत में तेजी से बढ़ते हुए ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को एक बड़ा रोजगार सृजन और कर संग्रहण स्रोत माना जा रहा था, लेकिन हालिया नीतिगत बदलावों से इसका भविष्य अनिश्चित हो गया है।
मुख्य रूप से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां जीएसटी (GST) की उच्च दर और कानूनी प्रतिबंधों पर आपत्ति जता रही हैं। उनका कहना है कि इन नियमों ने कारोबार की लागत इतनी बढ़ा दी है कि कई छोटे और मध्यम स्तर के प्लेटफॉर्म टिक ही नहीं पा रहे हैं। इससे हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों की दलीलें सुनीं और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने कहा कि यह मामला केवल कराधान का नहीं बल्कि रोजगार, उद्योग और डिजिटल इकोनॉमी से भी जुड़ा हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार ने इस क्षेत्र में संतुलित नीति नहीं बनाई तो भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर, जो वैश्विक स्तर पर तेजी से पहचान बना रहा था, गंभीर संकट का सामना कर सकता है।
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