हिरासत में मौत मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और CBI को 7 अक्टूबर तक पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश और CBI को चेतावनी दी कि 7 अक्टूबर तक फरार पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी न होने पर अवमानना कार्रवाई होगी और शीर्ष अधिकारी कोर्ट में बुलाए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को कड़ी फटकार लगाते हुए आदेश दिया है कि हिरासत में हुई मौत से जुड़े मामले में फरार पुलिस अधिकारियों को 7 अक्टूबर तक हर हाल में गिरफ्तार किया जाए। अदालत ने चेतावनी दी है कि यदि इस समयसीमा का पालन नहीं किया गया, तो राज्य सरकार और CBI पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला देवास जिले के देवा पारधी की कथित हिरासत में मौत से संबंधित है, जिसमें दो पुलिस अधिकारी लंबे समय से फरार चल रहे हैं। इस पर नाराज़गी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि अदालत के आदेशों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि गिरफ्तारी नहीं होती है, तो राज्य के मुख्य सचिव और मामले की जांच कर रहे CBI अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि बार-बार दिए गए आदेशों के बावजूद अधिकारियों की गिरफ्तारी न होना न्यायिक प्रक्रिया की अवमानना है। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई बेहद ज़रूरी है ताकि लोगों का न्याय व्यवस्था पर विश्वास कायम रहे।
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इस मामले ने एक बार फिर हिरासत में मौत और पुलिस जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि अदालत का यह कदम न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण है और यह संदेश देता है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।
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