2020 दंगों के आरोपियों की जमानत पर देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने 2020 दिल्ली दंगों के आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर जवाब में देरी को लेकर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई और जल्द उत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (27 अक्टूबर 2025) को 2020 दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश से जुड़े मामले में आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर दिल्ली पुलिस की देरी को लेकर कड़ी नाराज़गी जताई। अदालत ने कहा कि इस मामले में अधिकांश आरोपी लगभग पांच वर्षों से हिरासत में हैं, और अब तक पुलिस ने अपने जवाब दाखिल नहीं किए हैं।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह देरी न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि जब आरोपियों की जमानत याचिकाएं काफी समय पहले दाखिल की जा चुकी हैं, तब तक जवाब दाखिल क्यों नहीं किया गया।
इन याचिकाओं में कार्यकर्ताओं उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शिफा-उर-रहमान शामिल हैं, जिन्हें 2020 के दंगों की “बड़ी साजिश” मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू, जो दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए, ने अदालत से दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में पहली बार पेश हो रहे हैं और पहले की कार्यवाही की जानकारी नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि न्याय में देरी से अभियुक्तों के अधिकारों का हनन होता है और यह गंभीर चिंता का विषय है। अदालत ने दिल्ली पुलिस को जल्द से जल्द जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
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