सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार और CBI को फटकारा, पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी में देरी पर जताया गहरा ऐतराज
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार और CBI को देवापड़ही कस्टोडियल मौत मामले में पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी में देरी पर फटकार लगाई और गंभीर कार्रवाई की चेतावनी दी।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को कड़ी फटकार लगाई है, क्योंकि देवापड़ही कस्टोडियल मौत मामले में दो पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी में लगातार देरी हो रही है। शीर्ष न्यायालय ने चेतावनी दी है कि यदि अधिकारियों को जल्द नहीं पकड़ा गया तो यह “गंभीर अवमानना” का मामला बन सकता है।
मामले में दो पुलिस अधिकारी अभी भी फरार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और CBI से कहा कि गिरफ्तारी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की ढिलाई सहनीय नहीं होगी। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी अधिकारी को बचाया नहीं जाएगा और न्यायिक प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ेगी।
इस कस्टोडियल मौत मामले ने मध्य प्रदेश पुलिस की विश्वसनीयता और मानवाधिकार संरक्षण पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पीड़ित परिवार और मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार गिरफ्तारी और न्याय की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे तत्काल कार्रवाई करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट की इस सख्त चेतावनी का मकसद केवल फरार अधिकारियों को पकड़ना नहीं है, बल्कि यह संदेश देना है कि पुलिस और जांच एजेंसियों के उच्च पदाधिकारी भी कानून के दायरे से बाहर नहीं हैं।
कुल मिलाकर, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका किसी भी सरकारी अधिकारी के लिए छूट नहीं रखती और किसी भी प्रकार की लापरवाही या विलंब को गंभीर रूप से देखा जाएगा।
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