वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई और भजनों के बीच बेअसर विरोध, कैंपस में बना है सौहार्द
वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में दाखिलों को लेकर विरोध जारी है, लेकिन कैंपस में पढ़ाई, भजन और सौहार्द का माहौल कायम है, छात्रों और स्थानीय लोगों पर इसका असर नहीं दिखता।
श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में पहले बैच के दाखिलों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन का असर कॉलेज परिसर में लगभग नजर नहीं आ रहा है। दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों द्वारा इस आधार पर आंदोलन किया जा रहा है कि चयनित 50 छात्रों में से 44 मुस्लिम समुदाय से हैं, जिनमें अधिकांश कश्मीर से हैं। इन संगठनों ने पहले बैच के दाखिले रद्द करने की मांग की है।
हालांकि, कॉलेज में पिछले डेढ़ महीने से नियमित रूप से कक्षाएं चल रही हैं और शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह सामान्य हैं। 47 छात्रों के इस पहले बैच में आधे से अधिक छात्राएं हैं। छात्रों का कहना है कि दाखिलों को लेकर चल रहा विवाद न तो कैंपस के माहौल को प्रभावित कर रहा है और न ही आसपास के गांवों में इसकी कोई खास गूंज सुनाई देती है।
वैष्णो देवी तीर्थस्थल से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित इस संस्थान के परिसर में एक अलग ही शांति और सौहार्द का माहौल है। स्वागत कक्ष और बैठक हॉल जैसे साझा स्थानों में माता वैष्णो देवी के भजन और स्तुतियां गूंजती रहती हैं। परिसर में देवी की बड़ी तस्वीरें भी लगी हैं, जो संस्थान की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती हैं।
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छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि उनका मुख्य फोकस पढ़ाई, प्रशिक्षण और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर है। वे मानते हैं कि मेडिकल शिक्षा का उद्देश्य समाज की सेवा करना है और इसके लिए धर्म या क्षेत्र की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए।
स्थानीय लोगों का भी कहना है कि कॉलेज की स्थापना से क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा। उनके अनुसार, बाहरी विरोध के बावजूद कॉलेज परिसर और आसपास के इलाकों में शांति और भाईचारे का माहौल बना हुआ है।