बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने अपने सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे का फाइनल समझौता कर लिया है। इस निर्णय के तहत चिराग पासवान की एलजेपी (लोक जनशक्ति पार्टी) को 26 सीटें, जितन राम मांझी की हम पार्टी को 8 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रवादी जनता दल (आरजेडीयू से अलग) को 7 सीटें दी गई हैं।
सूत्रों के अनुसार यह बंटवारा लंबे समय तक चल रही विवादों और वार्ता के बाद तय हुआ, जिसमें सभी दलों ने अपने वोट बैंक और क्षेत्रों का ध्यान रखते हुए सहमति बनाई। चिराग पासवान की पार्टी को बिहार के पूर्वी और केंद्रीय जिलों में अधिक सीटें दी गई हैं, जबकि मांझी और कुशवाहा की पार्टियों को सीमित लेकिन रणनीतिक क्षेत्रों में चुनाव लड़ने का अवसर मिला है।
एनडीए अध्यक्षों और नेताओं का कहना है कि यह बंटवारा गठबंधन की ताकत और एकजुटता को दर्शाता है। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि गठबंधन सभी सहयोगियों के सहयोग से चुनाव में शानदार प्रदर्शन करेगा।
और पढ़ें: जितन राम मांझी और चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर रहस्यमय संदेश पोस्ट किए, एनडीए सीट शेयरिंग वार्ता में असंतोष का संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि इस सीट बंटवारे से एनडीए की चुनावी रणनीति और उम्मीदवार चयन प्रक्रिया और अधिक स्पष्ट हो गई है। चुनाव में एलजेपी की बड़ी भूमिका रहेगी, जबकि हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियों की सीटें गठबंधन की सामूहिक ताकत बढ़ाने में महत्वपूर्ण होंगी।
अब सभी दल अगले कुछ दिनों में प्रत्याशियों के नाम घोषित करेंगे और प्रचार-प्रसार अभियान शुरू करेंगे। यह कदम बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को आगामी चुनावों में और रोचक बनाने वाला है।
और पढ़ें: बिहार चुनाव : पहले चरण की 121 सीटों पर कड़ा मुकाबला, जन सुराज पार्टी बन सकती है निर्णायक कारक