इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संकेत दिया है कि यदि हिजबुल्लाह को निरस्त्र किया जाता है, तो इज़राइल लेबनान से अपनी सेना वापस बुलाने पर विचार कर सकता है। यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका लेबनान की राजधानी बेरूत पर हिजबुल्लाह को हथियारों से मुक्त करने के लिए दबाव बना रहा है।
हिजबुल्लाह, जो लंबे समय से इज़राइल के खिलाफ सशस्त्र गतिविधियों में शामिल रहा है, ने हाल ही में 14 महीने तक चलने वाले संघर्ष में हिस्सा लिया था। इस लड़ाई के बाद संगठन काफी कमजोर हो गया है, लेकिन अभी भी उसके पास पर्याप्त हथियार और प्रभाव है।
नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइल का मुख्य उद्देश्य उत्तरी सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यदि हिजबुल्लाह के हथियार छीन लिए जाते हैं और उसके लड़ाकों को निष्क्रिय किया जाता है, तो लेबनान के दक्षिणी हिस्से से इज़राइल की वापसी संभव हो सकती है।
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अमेरिका की ओर से भी यह स्पष्ट संकेत दिए जा रहे हैं कि लेबनान को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए कदम उठाने होंगे। अमेरिकी अधिकारियों ने बेरूत से कहा है कि हिजबुल्लाह को निरस्त्र करना न केवल लेबनान की सुरक्षा के लिए आवश्यक है बल्कि इससे इज़राइल के साथ संभावित टकराव भी रोका जा सकेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हिजबुल्लाह का प्रभाव कम होता है, तो लेबनान और इज़राइल के बीच शांति वार्ता की संभावना बढ़ सकती है। हालांकि, इस मुद्दे पर लेबनानी राजनीति में सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि हिजबुल्लाह वहां की एक प्रमुख राजनीतिक और सैन्य ताकत बना हुआ है।
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