संसद द्वारा वर्ष 2020 में पारित किए गए चार लंबे समय से लंबित श्रम कानून आखिरकार शुक्रवार, 21 नवंबर 2025 से देशभर में लागू हो गए हैं। यह भारत में श्रम क्षेत्र से जुड़ा स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा और व्यापक सुधार माना जा रहा है। नए श्रम संहिता (Labour Codes) का उद्देश्य श्रमिकों को अधिक सुरक्षा, अधिकार और सुविधाएं प्रदान करना है, साथ ही उद्योगों के लिए नियमों को सरल बनाकर ‘Ease of Doing Business’ को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘X’ पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आज हमारी सरकार ने चार श्रम संहिताओं को प्रभाव में ला दिया है। यह स्वतंत्रता के बाद सबसे व्यापक और प्रगतिशील श्रम-उन्मुख सुधारों में से एक है। यह हमारे कामगारों को अत्यधिक सशक्त बनाता है और अनुपालन को सरल करते हुए कारोबार सुगमता को बढ़ावा देता है।”
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने भी इस महत्वपूर्ण कदम की सराहना करते हुए कहा कि नया श्रम सुधार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है और 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को नई गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा अधिकार मजबूत होंगे और उद्योग व व्यवसायों के लिए अनुकूल माहौल और स्पष्ट नियम उपलब्ध होंगे।
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इन चार श्रम संहिताओं में वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यस्थल स्थिति संहिता शामिल हैं। इनके लागू होने से देशभर में श्रमिकों के अधिकारों की एकरूपता, सुरक्षा और कार्यस्थल पर बेहतर वातावरण सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
सरकार का मानना है कि इन नए कानूनों से श्रम बाजार अधिक गतिशील होगा और श्रमिकों व उद्योगों दोनों को ही दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।
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