बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 15 जनवरी के बाद होने की संभावना है। जद(यू) के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, यह विस्तार खरमास की अवधि समाप्त होने के बाद किया जाएगा, जो मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक मानी जाती है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में करीब 10 नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है।
वर्तमान में बिहार मंत्रिमंडल में केवल 25 मंत्री कार्यरत हैं, जिनमें से कई मंत्रियों के पास एक से अधिक विभागों की जिम्मेदारी है। हाल ही में भाजपा विधायक नितिन नवीन ने विभिन्न विभागों के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद मंत्रिमंडल में रिक्तियां और बढ़ गई हैं। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित कुल 36 मंत्रियों की नियुक्ति की जा सकती है, ऐसे में अभी भी कई पद खाली हैं।
जद(यू) के वरिष्ठ नेताओं ने The Indian Witness को बताया कि खरमास की अवधि समाप्त होने के बाद नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है, जिनमें कुछ नए चेहरे भी शामिल होंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि संगठन और सरकार में संतुलन बनाने के लिए नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
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सूत्रों के मुताबिक, जद(यू) के शीर्ष नेताओं ने हाल ही में इस मुद्दे पर दिल्ली में गठबंधन सहयोगी भाजपा के वरिष्ठ नेतृत्व से भी बातचीत की है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दोनों दलों के बीच सहमति बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
हालांकि, पार्टी के भीतर यह चर्चा भी है कि खरमास की अवधि खत्म होने के बाद बिहार की राजनीति में कुछ बड़े राजनीतिक घटनाक्रम भी देखने को मिल सकते हैं। जब इस बारे में और जानकारी मांगी गई तो पार्टी नेताओं ने सिर्फ इतना कहा कि “आने वाले दिनों का इंतजार कीजिए, सब स्पष्ट हो जाएगा।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए नीतीश कुमार सरकार प्रशासनिक दबाव कम करने और आगामी राजनीतिक चुनौतियों के लिए खुद को मजबूत करने की कोशिश करेगी।
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