नोबेल संस्थान ने इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा से पहले संभावित सूचना लीक की जांच शुरू की है। संस्थान को संदेह है कि यह लीक जासूसी (espionage) के जरिए हुई है, जिसकी वजह से मारिया कोरीना मचाडो की जीत की संभावनाओं में अचानक भारी उछाल देखा गया।
रिपोर्टों के अनुसार, मचाडो की जीत की संभावना रातोंरात काफी बढ़ गई, जिससे नोबेल समिति को शक हुआ कि पुरस्कार की घोषणा से पहले अंदरूनी जानकारी किसी बाहरी स्रोत तक पहुंच गई थी। नोबेल संस्थान ने कहा कि यह लीक “अत्यधिक संभावित रूप से जासूसी गतिविधि का परिणाम” है और इसकी गहन जांच शुरू की गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नोबेल चयन प्रक्रिया को हमेशा अत्यंत गोपनीय रखा जाता है और किसी भी प्रकार की सूचना का बाहर जाना समिति की साख और पारदर्शिता पर असर डाल सकता है। अधिकारी ने यह भी कहा कि यदि यह साबित हो जाता है कि जानकारी जानबूझकर साझा की गई थी, तो यह गंभीर सुरक्षा उल्लंघन माना जाएगा।
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मचाडो, जो वेनेज़ुएला की एक प्रमुख विपक्षी नेता हैं, को हाल ही में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए उनके योगदान के कारण नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हालांकि, अब उनकी जीत के बाद इस कथित लीक ने राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
नोबेल संस्थान ने स्पष्ट किया है कि वह जांच के परिणाम आने तक कोई आधिकारिक बयान नहीं देगा, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिक सुरक्षा उपायों पर विचार किया जा रहा है।
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