संसद की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee - PAC) ने आधार प्रणाली की कार्यप्रणाली की समीक्षा की मांग की है। कांग्रेस नेता की अध्यक्षता वाली समिति ने विशेष रूप से बायोमेट्रिक सत्यापन की उच्च विफलता दर पर चिंता जताई है, जिससे कई वास्तविक लाभार्थी सरकारी कल्याण योजनाओं से बाहर हो सकते हैं।
PAC की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की अधिकांश सामाजिक सुरक्षा योजनाएं सीधे आधार से जुड़ी हैं, और यदि बायोमेट्रिक सत्यापन बार-बार फेल होता है, तो इससे गरीब और हाशिए पर रहने वाले वर्गों को गंभीर नुकसान हो सकता है। समिति के सदस्यों — जो विभिन्न राजनीतिक दलों से हैं — ने एकमत से कहा कि यह तकनीकी विफलता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का मुद्दा है।
समिति ने यह भी चेतावनी दी कि UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) की जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसी भी व्यक्ति को केवल तकनीकी कारणों से योजनाओं से वंचित न किया जाए। उन्होंने डेटा सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि आधार डेटा लीक की खबरें बार-बार सामने आती रही हैं, जिससे नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा पर प्रश्न उठते हैं।
PAC ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह आधार प्रणाली का व्यापक मूल्यांकन कर यह सुनिश्चित करे कि इसका उपयोग नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए हो, न कि उनके अधिकारों को बाधित करने के लिए। UIDAI की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता बताई गई है।