संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार (2 दिसंबर 2025) को लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित रही। विपक्ष विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है, जबकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह चर्चा से नहीं बच रही, लेकिन इसके लिए कोई तय समय सीमा नहीं दी जा सकती।
लोकसभा में विपक्ष के नारेबाजी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 को विचार और पारित कराने के लिए पेश करेंगी। सोमवार को सत्र के पहले दिन भी लोकसभा कई बार स्थगित करनी पड़ी थी। वहीं, राज्यसभा में विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए वॉकआउट कर गए।
लोकसभा में हंगामे के बीच वित्त मंत्री ने दो नए विधेयक भी पेश किए, जिनका उद्देश्य तंबाकू, पान मसाला और इससे जुड़े उत्पादों पर लगाए जाने वाले ‘पाप-कर’ (Sin Goods) को नए ढांचे में ढालना है, जिससे राजस्व का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
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राज्यसभा में यह दिन एक और कारण से खास रहा। सितंबर में जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति चुने गए सी.पी. राधाकृष्णन ने उच्च सदन में अपने दुसरे दिन अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला। विपक्षी सांसदों ने उनका स्वागत किया और उम्मीद जताई कि वे सदन में सरकार और विपक्ष के बीच समान व्यवहार सुनिश्चित करेंगे, साथ ही सभी को अपनी बात रखने का उचित मौका देंगे।
लगातार हंगामे और नारेबाजी के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
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