महाराष्ट्र में कबूतरों को भोजन देने पर लगी रोक को लेकर विवाद गरमाता जा रहा है। जैन साधु ने इस मुद्दे पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए 13 अगस्त से आंदोलन की चेतावनी दी है। साधु ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे भूख हड़ताल पर बैठेंगे और जरूरत पड़ी तो हथियार उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब कुछ स्थानीय प्रशासनिक आदेशों के तहत कबूतरों को भोजन देने पर पाबंदी लगाई गई। जैन समुदाय के लिए यह परंपरा धार्मिक महत्व रखती है, जिससे वे इस प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं। साधु का कहना है कि कबूतरों को भोजन देना उनके धर्म और आस्था का हिस्सा है, और इसे रोकना उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है।
वहीं, महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री ने इस विवाद से दूरी बनाई है। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाना नहीं है और स्थिति को शांति से सुलझाने की कोशिश की जा रही है। मंत्री ने जैन साधु के कड़े बयानों से खुद को अलग बताया और जनता से संयम बरतने की अपील की।
और पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में पाकिस्तानी घुसपैठिया BSF की गोलीबारी में घायल, गिरफ्तार
राजनीतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे ने राज्य में चर्चा का माहौल बना दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक विवादों को सौहार्दपूर्ण संवाद के माध्यम से हल करना जरूरी है, ताकि स्थिति बिगड़े बिना समाधान निकल सके।
और पढ़ें: गाज़ा पर इज़राइल की योजना विनाशकारी साबित होगी: मैक्रों