प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष पर संगठन को राष्ट्र निर्माण के प्रति उसकी सेवाओं के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की और इसे ‘दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ’ बताया। लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 100 वर्षों से आरएसएस के स्वयंसेवक ‘व्यक्ति निर्माण’ और ‘राष्ट्र निर्माण’ के संकल्प को पूरा करने के लिए अपना जीवन समर्पित करते आए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि संघ ने मातृभूमि के कल्याण के लिए जिस समर्पण और निस्वार्थ भाव से कार्य किया है, वह प्रेरणादायी है। उन्होंने बताया कि आरएसएस के स्वयंसेवक समाज के हर वर्ग में जाकर शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में सेवा कार्य करते रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब कोई संस्था या संगठन व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठकर केवल राष्ट्रहित को लक्ष्य बनाता है, तो वह समाज में गहरा प्रभाव छोड़ता है। आरएसएस ने यही कार्य किया है — व्यक्ति को संस्कार देकर समाज और राष्ट्र को मजबूत बनाने का।
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मोदी ने इस अवसर पर युवाओं से आह्वान किया कि वे समाज सेवा को जीवन का हिस्सा बनाएं और राष्ट्र को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए संकल्प लें। उन्होंने कहा कि सेवा ही सर्वोच्च धर्म है और आरएसएस की 100 वर्ष की यात्रा इसका सशक्त उदाहरण है।
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