प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (30 दिसंबर 2025) को आगामी केंद्रीय बजट 2026-27 से पहले देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ अहम बैठक की। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस बैठक का उद्देश्य बजट से जुड़ी नीतिगत प्राथमिकताओं, आर्थिक चुनौतियों और विकास के नए अवसरों पर विशेषज्ञों के विचार और सुझाव प्राप्त करना है।
सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई यह बैठक समाचार लिखे जाने तक जारी थी। इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम, आयोग के अन्य सदस्य, जाने-माने अर्थशास्त्री और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में मौजूदा वैश्विक आर्थिक हालात, भारत की आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन, महंगाई पर नियंत्रण, निवेश बढ़ाने, बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक कल्याण योजनाओं की प्रभावशीलता जैसे विषयों पर चर्चा की गई। इसके अलावा डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित ऊर्जा, विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन, एमएसएमई और स्टार्टअप्स से जुड़े मुद्दे भी विमर्श के केंद्र में रहे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने विशेषज्ञों से आग्रह किया कि वे ऐसे व्यावहारिक और दूरदर्शी सुझाव दें, जिससे आम लोगों को राहत मिल सके और देश की अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक मजबूती प्रदान की जा सके। सरकार का फोकस समावेशी विकास, आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की भूमिका को और सशक्त बनाने पर है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट 2026-27 पेश करने की संभावना है। ऐसे में यह बैठक सरकार की बजट तैयारियों का एक अहम हिस्सा मानी जा रही है, जिससे नीतियों को अधिक संतुलित और विकासोन्मुख बनाने में मदद मिलेगी।
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