कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने बिहार की महिलाओं से आह्वान किया कि वे यदि एनडीए (NDA) सरकार से किसी योजना के तहत 10,000 रुपये प्राप्त करती हैं, तो इसका लाभ जरूर उठाएं, लेकिन मतदान के समय उन्हें वोट न दें। उन्होंने कहा कि यह कदम महिलाओं के अधिकार और लोकतांत्रिक निर्णय को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रियंका गांधी ने इस मौके पर सत्तारूढ़ भाजपा-जद (यू) पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में महिलाओं के कल्याण और उनके विकास के लिए सरकार ने कोई ठोस योजना नहीं बनाई। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी लंबी अवधि में महिलाओं की समस्याओं को लेकर कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जब भाजपा जाति, धर्म, घुसपैठ और खोखले भाषणों के नाम पर वोट मांगने में विफल रही, तो उसने नई रणनीति अपनाई — ‘वोट चोरी’। प्रियंका गांधी ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरा बताते हुए कहा कि जनता को जागरूक रहना होगा और अपने अधिकार का प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिए।
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उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे केवल आर्थिक लाभ लेने तक सीमित न रहें, बल्कि अपनी राजनीतिक समझ और वोट के महत्व को पहचानें। प्रियंका गांधी का यह संदेश स्पष्ट रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने और चुनाव में उनकी भागीदारी को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से दिया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह राजनीतिक बयान बिहार में आगामी चुनावों को लेकर कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। प्रियंका गांधी का जोर महिलाओं के अधिकार और लोकतांत्रिक जागरूकता पर है, जिससे वोट बैंक राजनीति पर असर पड़ सकता है।
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