क्रेमलिन ने बुधवार (24 दिसंबर 2025) को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में संभावित शांति समझौते को लेकर अमेरिका के प्रस्तावों और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूतों के साथ हुई बातचीत की पूरी जानकारी दे दी गई है। अब मॉस्को इन प्रस्तावों के आधार पर अपना आधिकारिक रुख तय करेगा।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन को रूस के दूत किरिल दिमित्रिएव ने अमेरिका के मियामी दौरे और वहां ट्रंप के प्रतिनिधियों से हुई चर्चाओं के बारे में अवगत कराया है। हालांकि, पेस्कोव ने यह स्पष्ट करने से इनकार कर दिया कि रूस इन प्रस्तावों पर क्या प्रतिक्रिया देगा या दस्तावेजों का स्वरूप क्या है। उन्होंने कहा कि क्रेमलिन मीडिया के माध्यम से संवाद नहीं करना चाहता।
पेस्कोव ने संवाददाताओं से कहा, “रूसी पक्ष की स्थिति के सभी मुख्य पहलू अमेरिका के हमारे सहयोगियों को पहले से ज्ञात हैं। अब हम राष्ट्रपति को प्राप्त जानकारी के आधार पर अपना रुख तय करेंगे और निकट भविष्य में मौजूदा माध्यमों से बातचीत जारी रखेंगे।”
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो खुद को शांति दूत के रूप में याद किया जाना चाहते हैं, कई बार कह चुके हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप के सबसे घातक संघर्ष—यूक्रेन युद्ध—को समाप्त करना उनके कार्यकाल का सबसे कठिन लक्ष्य रहा है। इस बीच, यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी आशंका जता रहे हैं कि ट्रंप कहीं यूक्रेन के हितों से समझौता न कर लें और युद्ध से तबाह देश की जिम्मेदारी यूरोप पर न डाल दी जाए।
राष्ट्रपति पुतिन ने हाल के हफ्तों में कहा है कि शांति के लिए उनकी शर्तों में यूक्रेन द्वारा डोनबास के लगभग 5,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को छोड़ना और नाटो में शामिल होने की इच्छा को औपचारिक रूप से त्यागना शामिल है।
वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बताया कि मियामी में हुई बातचीत के दौरान यूक्रेन और अमेरिका 20 बिंदुओं की योजना को अंतिम रूप देने के करीब पहुंचे हैं, लेकिन डोनबास क्षेत्र और जापोरिज़िया परमाणु संयंत्र के भविष्य पर अब भी सहमति नहीं बन पाई है।
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