हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में एक बार फिर तेज बारिश ने तबाही मचाई है। ताजा बारिश के बाद दोनों राज्यों में भूस्खलन, सड़क अवरुद्ध और घरों को नुकसान जैसी घटनाएँ सामने आ रही हैं। कई स्थानों पर नदियाँ और नाले उफान पर हैं, जिससे आसपास के गाँवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में कई पहाड़ी सड़कों पर भारी भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, सैकड़ों वाहन जगह-जगह फँस गए हैं और कई यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। मंडी, कुल्लू और चंबा जिले सबसे अधिक प्रभावित बताए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। देहरादून, टिहरी और रुद्रप्रयाग जिलों में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गंगा और इसकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर के करीब पहुँच गया है। प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
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बारिश के कारण कई घरों को नुकसान पहुँचा है और कुछ जगहों से जान-माल की हानि की भी खबरें हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी कर प्रभावित लोगों से तत्काल मदद माँगने की अपील की गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने और पर्यटकों को संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा न करने की सलाह दी है।
यह आपदा एक बार फिर पहाड़ी राज्यों में जलवायु परिवर्तन और अव्यवस्थित निर्माण गतिविधियों के खतरों की ओर इशारा करती है।
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