रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार (27 अक्टूबर 2025) को कहा कि भारत को हर समय "युद्ध जैसी स्थिति" के लिए तैयार रहना चाहिए। मई में पाकिस्तान के साथ हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष ने यह साबित किया है कि सीमाओं पर कभी भी कुछ भी हो सकता है।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान को दृढ़ जवाब दिया, लेकिन यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक अध्ययन का विषय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 7 से 10 मई के बीच हुए इस ऑपरेशन में स्वदेशी सैन्य उपकरणों के प्रभावी उपयोग ने भारत की क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय साख को मजबूत किया।
सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से यह स्पष्ट हुआ कि युद्ध हमारे द्वार तक आ सकता है। हालांकि हमारी सेनाएं हर स्थिति का सामना करने में सक्षम हैं, फिर भी आत्मचिंतन और तैयार रहना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए भारत को अपनी सुरक्षा रणनीति को पुनः परिभाषित करना होगा और आत्मनिर्भरता को केंद्र में रखना होगा।
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रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आकाश मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस और आकाशतीर जैसे स्वदेशी रक्षा प्लेटफॉर्म्स ने भारत की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित किया। उन्होंने भारतीय उद्योग को सेना, नौसेना और वायुसेना के समान राष्ट्रीय रक्षा का एक स्तंभ बताया।
सिंह ने कहा कि 2014 में भारत का रक्षा उत्पादन ₹46,000 करोड़ था, जो अब बढ़कर ₹1.51 लाख करोड़ हो गया है, जिसमें ₹33,000 करोड़ निजी क्षेत्र का योगदान है। रक्षा निर्यात अब ₹24,000 करोड़ तक पहुंच गया है और 2026 तक ₹30,000 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
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