रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का अभियान किसी भी बाहरी दबाव या हस्तक्षेप के कारण नहीं रोका गया। वे हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह में संबोधित कर रहे थे, जिसे केंद्र सरकार ने आयोजित किया था।
अपने संबोधन में उन्होंने पाकिस्तान का अप्रत्यक्ष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की सुरक्षा नीति पूरी तरह संप्रभु है और इसका निर्णय केवल भारत सरकार और भारतीय जनता के हितों को ध्यान में रखकर लिया जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि "ऑपरेशन सिंदूर" की समाप्ति या उसका अस्थायी विराम किसी के दबाव का परिणाम नहीं है। यदि भविष्य में आतंकवादी हमला होता है, तो यह अभियान दोबारा उसी दृढ़ता से शुरू किया जाएगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद भारत की सुरक्षा और शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ पर आधारित है। चाहे सीमा पार से आए आतंकवादी हों या देश के भीतर सक्रिय नेटवर्क, सभी को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत कभी युद्ध को प्राथमिकता नहीं देता, लेकिन अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा पर समझौता भी नहीं करेगा। उन्होंने यह संदेश दिया कि देश किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
हैदराबाद मुक्ति दिवस के अवसर पर दिए गए इस बयान को पाकिस्तान के साथ हालिया तनावों और "ऑपरेशन सिंदूर" की पृष्ठभूमि में बेहद अहम माना जा रहा है। सिंह का यह स्पष्ट संदेश है कि भारत की सुरक्षा नीतियों पर केवल भारत का ही नियंत्रण है और आतंकवाद का जवाब हर बार कड़े और निर्णायक कदमों से दिया जाएगा।
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