दिल्ली के लाल किले के पास हुए आतंकवादी हमले के बाद अब राजनीतिक बयानबाजी ने जोर पकड़ लिया है। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के “घरेलू आतंकवादियों (home-grown terrorists)” वाले बयान ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक राजनीतिक टकराव छेड़ दिया है।
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “कांग्रेस आतंकवादियों को नरम समर्थन दे रही है।” वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “आतंकवादी दरिंदे हैं जिन्हें खत्म करना चाहिए। लेकिन जब आतंकवादियों को चोट लगती है तो कांग्रेस चिल्लाने लगती है, जैसे वे उनके प्रवक्ता हों।”
बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, “आतंकवाद में कोई वर्गीकरण नहीं होता। यह तय करना होगा कि कौन आतंकवादियों के साथ है और कौन उनके खिलाफ। चिदंबरम और कांग्रेस को पीड़ितों को बताना चाहिए कि वे किस पक्ष में हैं।”
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जदयू नेता नीरज कुमार ने टिप्पणी की, “आतंकवादियों के लिए अब नई भाषा? विदेशी और घरेलू? आतंकवादी तो आतंकवादी ही होता है।”
कांग्रेस ने सोमवार को हुए धमाके के बाद इसे खुफिया एजेंसियों की विफलता बताया था। इस हमले में 13 लोगों की मौत और लगभग 23 घायल हुए थे।
चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “हमें यह समझना होगा कि ऐसे कौन से हालात हैं जो शिक्षित भारतीय नागरिकों को आतंकवादी बना देते हैं।” उन्होंने कहा कि पहले भी वे “घरेलू आतंकवादियों” की बात संसद में उठा चुके हैं।
बीजेपी के कई नेताओं ने चिदंबरम के इस बयान को “आतंकियों का बचाव करने वाला दृष्टिकोण” बताया। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “शिक्षा सबको इंसान नहीं बनाती। अगर मंशा गलत है तो पढ़े-लिखे लोग और बम बनाएंगे।”
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