मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में शनिवार को एक शांत सड़क उस समय चर्चा का केंद्र बन गई, जब एक 10 वर्षीय स्कूली छात्रा ने स्कूल वैन नहीं आने के विरोध में सड़क पर बैठकर तीन घंटे तक रास्ता जाम कर दिया। इस अनोखे विरोध के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया और वाहन चालकों को घंटों इंतजार करना पड़ा।
कक्षा 5 में पढ़ने वाली सुरभि यादव सड़क के बीचोंबीच अपनी स्कूल बैग को कसकर पकड़े बैठी रही और वहां से हटने से इनकार कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बच्ची न तो जोर-जोर से चिल्ला रही थी और न ही रो रही थी, वह बस यही कह रही थी कि उसे स्कूल जाना है।
सुरभि ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम’ (RTE) के तहत स्कूल में नामांकित है और उसे रोजाना लगभग 18 किलोमीटर की दूरी तय कर स्कूल पहुंचना पड़ता है। बताया गया कि स्कूल प्रबंधन ने पिछले दो वर्षों से परिवहन शुल्क न चुकाए जाने का हवाला देते हुए उसके लिए वैन सेवा बंद कर दी थी। स्कूल का कहना है कि वैन सेवा शुल्क आधारित है और कई बार याद दिलाने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया।
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वहीं, सुरभि की मां आशा यादव ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को पूरे एक साल स्कूल जाने नहीं दिया गया। नवंबर में केवल 28 दिन पढ़ाई करने दी गई और फिर दोबारा रोक दिया गया। उन्होंने कहा, “आज मेरी बेटी को सड़क पर छोड़ दिया गया। वह मानसिक दबाव में है और रोती रहती है।”
घटना की सूचना मिलने पर चिचोली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची से बातचीत की। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी वहां आए और सुरभि को आश्वासन दिया कि वे स्कूल प्रबंधन से बात करेंगे। करीब तीन घंटे बाद बच्ची सड़क से उठी और घर लौट गई, जिसके बाद यातायात बहाल हो सका।
बाद में स्कूल प्रबंधन ने दावा किया कि बच्ची के माता-पिता खुद ही उसे स्कूल नहीं भेज रहे थे और घटना के दौरान वैन चालक के साथ बदसलूकी भी हुई।
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