कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में RSS और सनातनी तत्वों के प्रभाव को लेकर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि समाज में अब भी ऐसे रूढ़िवादी और सनातनी तत्व मौजूद हैं, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और आधुनिक सोच के लिए चुनौती पैदा कर सकते हैं।
सिद्धारमैया ने एक घटना का जिक्र किया, जिसमें एक ‘सनातनी’ ने मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंका। उन्होंने कहा कि यह घटना स्पष्ट संकेत देती है कि सनातनी और कट्टरपंथी मानसिकता अभी भी समाज में सक्रिय है। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की कि वे ऐसे प्रभावों से सावधान रहें और समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए जागरूक रहें।
उन्होंने कहा कि युवा और शिक्षित वर्ग को विशेष रूप से ऐसे रूढ़िवादी और कट्टरपंथी तत्वों से बचना चाहिए। सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र और सामाजिक समावेशिता को बनाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि RSS जैसी संगठनों का प्रभाव समाज में बढ़ रहा है, और इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक रूप से लोगों से सजग रहने की अपील की।
विशेषज्ञों का कहना है कि सिद्धारमैया की यह चेतावनी समय की मांग है, क्योंकि हाल की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कट्टरपंथ और रूढ़िवाद अभी भी समाज में कहीं न कहीं प्रभावशाली हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य और समाज में विविधता बनाए रखना आवश्यक है।
सिद्धारमैया के इस बयान ने राजनीति और समाज में चर्चाओं को जन्म दिया है। कई लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया, जबकि कुछ ने इसे विवादित भी बताया। फिर भी, मुख्यमंत्री का संदेश स्पष्ट है: नागरिकों को कट्टरपंथी और रूढ़िवादी प्रभावों से सचेत रहना चाहिए और समाज में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देना चाहिए।
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