दक्षिण कोरिया में राजनीतिक और कानूनी घटनाक्रम के तहत विशेष अभियोजक ने देश के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल के लिए 10 साल की जेल की सजा की मांग की है। The Indian Witness की रिपोर्ट के अनुसार, यह मांग उस मामले में की गई है, जिसमें यून पर मार्शल लॉ लागू करने की असफल कोशिश के बाद उनकी गिरफ्तारी के प्रयासों में बाधा डालने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं।
अभियोजकों का आरोप है कि पद से हटाए जा चुके पूर्व राष्ट्रपति ने जनवरी महीने में जांचकर्ताओं की गिरफ्तारी की कोशिश को रोकने के लिए राष्ट्रपति भवन परिसर के अंदर खुद को बैरिकेड कर लिया था। जांच एजेंसियों का कहना है कि यून ने कानून प्रवर्तन अधिकारियों को अपने कर्तव्य का पालन करने से रोकने की कोशिश की, जो कानून के शासन के खिलाफ है।
यह पहली बार है जब विशेष अभियोजकों ने यून सुक योल के खिलाफ लगे कई आरोपों में से किसी एक पर औपचारिक रूप से जेल की सजा की मांग की है। इससे पहले उन पर लगे आरोपों की जांच और सुनवाई की प्रक्रिया जारी थी, लेकिन इस स्तर की सजा की मांग ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
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यून सुक योल को मार्शल लॉ लागू करने के प्रयास को लेकर पहले ही व्यापक आलोचना और राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ा था। इस कदम को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ माना गया, जिसके बाद उन्हें पद से हटाया गया। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को दक्षिण कोरिया में सत्ता के दुरुपयोग और संवैधानिक सीमाओं के उल्लंघन के एक बड़े उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मामले का असर दक्षिण कोरिया की राजनीति पर लंबे समय तक पड़ सकता है। यदि अदालत विशेष अभियोजक की मांग को स्वीकार करती है, तो यह देश के इतिहास में एक पूर्व राष्ट्रपति के लिए कड़ी सजा के रूप में दर्ज हो सकता है। फिलहाल अदालत के फैसले का इंतजार है और पूरे देश की नजरें इस मामले पर टिकी हुई हैं।
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