श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को राज्य निधियों के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद जमानत दे दी गई है। विक्रमसिंघे को 22 अगस्त को रिमांड पर भेजे जाने के बाद से अस्पताल में भर्ती रखा गया था। अदालत ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सा रिपोर्ट को देखते हुए जमानत मंजूर की।
रिपोर्टों के अनुसार, विक्रमसिंघे पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी कोष का अनुचित उपयोग किया। यह मामला उस समय उजागर हुआ जब श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था और सरकार पर भ्रष्टाचार और वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप पहले से ही लग रहे थे।
अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों में दावा किया गया कि रानिल विक्रमसिंघे के कार्यकाल में कई अनियमित व्यय हुए, जिनकी जांच जारी है। बचाव पक्ष का कहना है कि यह मामला राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है और विक्रमसिंघे के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं।
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गौरतलब है कि विक्रमसिंघे ने जुलाई 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति पद संभाला था। उस समय श्रीलंका आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा था, जिसके कारण देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले का प्रभाव श्रीलंका की राजनीति पर पड़ सकता है, खासकर तब जब देश अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता की तलाश में है और आर्थिक सुधार लागू करने की कोशिश कर रहा है। अदालत ने विक्रमसिंघे को नियमित रूप से जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।
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