सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद में स्थित 400 साल पुरानी Mancha मस्जिद के आंशिक ध्वस्त करने के फैसले को सही ठहराया है। यह आंशिक ध्वस्तीकरण शहर में सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत किया गया था। अदालत ने कहा कि यह कदम सार्वजनिक हित में उठाया गया और मस्जिद की मुख्य संरचना पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि Mancha मस्जिद परिसर के कुछ हिस्सों को हटाना जरूरी था ताकि शहर में सड़क चौड़ीकरण और यातायात की सुगमता सुनिश्चित की जा सके। अदालत ने कहा कि सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए जरूरी कदम उठाना संविधान द्वारा निर्धारित कानूनी प्रावधानों के तहत आता है और इसके लिए आंशिक ध्वस्तीकरण को वैध माना जा सकता है।
अदालत ने यह भी कहा कि मस्जिद की ऐतिहासिक और धार्मिक संरचना को सुरक्षित रखा जाएगा और किसी भी तरह की धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। परियोजना की निगरानी के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं ताकि निर्माण कार्य के दौरान मस्जिद की सुरक्षा और संरचना का ध्यान रखा जा सके।
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इस फैसले के बाद स्थानीय प्रशासन ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण परियोजना जल्द शुरू की जाएगी और यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा। मस्जिद के धार्मिक कार्य और पूजा स्थायी रूप से प्रभावित नहीं होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला सार्वजनिक हित और धार्मिक संरचना के संरक्षण के बीच संतुलन बनाने का उदाहरण है।
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