बांग्लादेश में तेजी से बदल रहे राजनीतिक माहौल के बीच, पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के पुत्र और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी पर तीखा प्रहार किया है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर यह आरोप लग रहा है कि वह जमात जैसे कठोर इस्लामिक संगठनों को खुली छूट दे रही है, जिसके बाद मुख्यधारा की पार्टियों ने इसका विरोध तेज कर दिया है।
BNP के छह दिवसीय “देश निर्माण योजना” कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए तारिक रहमान ने 1971 के नरसंहार की याद दिलाई। उन्होंने कहा, “जो आज लोगों से समर्थन मांग रहे हैं, देश ने उन्हें 1971 में देखा है। उन्होंने लाखों लोगों की हत्या की और अनगिनत माताओं-बहनों का अपमान किया। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए।” उनका इशारा जमात-ए-इस्लामी की भूमिका पर था, जिसने अपने राजनीतिक हितों के लिए निर्दोष पूर्वी पाकिस्तानियों की हत्या का समर्थन किया था।
रहमान ने यह भी कहा कि 5 अगस्त से लगातार चेतावनी दे रहा हूं कि हालात ठीक नहीं हैं। “कई दिशाओं से अलग-अलग साजिशें रची जा रही हैं। इन्हें केवल जनता ही रोक सकती है, और BNP जनता के साथ मिलकर इनका मुकाबला करेगी।” उन्होंने कहा कि इन संकटों का एकमात्र समाधान लोकतंत्र है।
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उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी अपनी पार्टी को सबसे मजबूत बताया और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर अप्रत्यक्ष हमला किया। रहमान ने कहा कि जमात और “गिर चुके तानाशाह” में कोई फर्क नहीं है, जिसने सत्ता बचाने के लिए हजारों लोगों की जान ली।
अपनी मां की खराब सेहत के बावजूद बांग्लादेश वापस न जाने पर रहमान ने कहा था कि परिस्थितियां उनके नियंत्रण में नहीं हैं और परिवार को उम्मीद है कि राजनीतिक स्थिति सुधरने पर वह लौट पाएंगे।
इधर खबर है कि बेगम खालिदा जिया को इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस से विदेश भेजने की अनुमति मिल गई है। शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और उदार समूहों पर हमले बढ़े हैं और कई कट्टरपंथी आरोपी रिहा किए जा चुके हैं।
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