भारत की प्रमुख ऊर्जा कंपनी टाटा पावर ने भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (DGPC) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। यह समझौता 1,125 मेगावाट के डोरजीलुंग जलविद्युत परियोजना के विकास से संबंधित है, जो भूटान की दूसरी सबसे बड़ी हाइड्रो परियोजना और देश की अब तक की सबसे बड़ी पब्लिक–प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) परियोजना होगी।
कंपनी के अनुसार, इस परियोजना को पूरा करने के लिए बनाए गए स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) के माध्यम से टाटा पावर 1,572 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश करेगी, जिसे चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा। कुल परियोजना लागत 13,100 करोड़ रुपये है, जिससे यह भूटान के ऊर्जा ढांचे में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगी।
डोरजीलुंग प्रोजेक्ट में छह यूनिट होंगी, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 187.5 मेगावाट होगी, और यह एक रन-ऑफ-द-रिवर हाइड्रो प्रोजेक्ट होगा। विश्व बैंक समर्थित इस परियोजना में DGPC की हिस्सेदारी 60% और टाटा पावर की 40% होगी। परियोजना सितंबर 2031 तक चालू होने की उम्मीद है।
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महत्वपूर्ण बात यह है कि इस परियोजना से उत्पन्न होने वाली करीब 80% बिजली भारत को निर्यात की जाएगी। इससे भारत और भूटान के बीच ऊर्जा सहयोग और क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।
टाटा पावर के CEO और MD प्रवीर सिन्हा ने कहा कि यह परियोजना क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा विकास को तेज करने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल भूटान की घरेलू ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगी, बल्कि अतिरिक्त स्वच्छ ऊर्जा भारत को उपलब्ध करवाने में भी मदद करेगी।
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