तेलंगाना में माओवादी संगठन को एक बड़ा झटका देते हुए प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के 37 भूमिगत सदस्यों ने शनिवार को हैदराबाद में आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी कर ली। इनमें तीन वरिष्ठ राज्य समिति सदस्य भी शामिल हैं, जिन्हें पुलिस हालिया वर्षों में संगठन के लिए सबसे बड़ी हानि मान रही है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये सभी सदस्य लंबे समय से भूमिगत जीवन जी रहे थे और सुरक्षा बलों की लगातार बढ़ती दबाव रणनीति, संगठनात्मक ढांचे के कमजोर होने और वैचारिक थकान ने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया। यह कदम उस व्यापक प्रक्रिया का हिस्सा है जिसमें माओवादी संगठन में वर्षों से गिरती सक्रियता और घटती नेतृत्व क्षमता के संकेत मिल रहे हैं।
मुख्यधारा में लौटने वाले इन सभी 37 सदस्यों को शनिवार को औपचारिक रूप से तेलंगाना पुलिस के सामने पेश किया गया। पुलिस का कहना है कि यह आत्मसमर्पण राज्य में चल रहे माओवादी विरोधी अभियान की बड़ी सफलता है और इससे क्षेत्र में शांति और विकास के प्रयासों को मजबूत समर्थन मिलेगा।
और पढ़ें: फॉर्मूला-ई रेस घोटाला: तेलंगाना राज्यपाल ने केटीआर के खिलाफ जांच की अनुमति दी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में माओवादियों के संगठनात्मक ढांचे में दरारें साफ दिखाई दे रही थीं। सुरक्षा बलों की निरंतर कार्रवाई, विकास कार्य, और वैचारिक स्तर पर बढ़ती निराशा ने कई कैडरों को संगठन छोड़ने के लिए मजबूर किया। ऐसे में 37 सदस्य, जिनमें तीन वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं, का आत्मसमर्पण माओवादी आंदोलन के लिए एक भारी झटका है।
सरकार और पुलिस ने वादा किया है कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी सदस्यों को पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन के साथ नए सिरे से शुरुआत कर सकें।
और पढ़ें: जुबली हिल्स उपचुनाव: भारी सुरक्षा के बीच उत्साहपूर्वक मतदान की शुरुआत