अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 17 जुलाई 2025 को यह घोषणा की कि उन्होंने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को निर्देश दिया है कि जेफरी एपस्टीन मामले से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण ग्रैंड जूरी गवाही, अदालत की अनुमति के अधीन, सार्वजनिक की जाए।
ट्रंप ने कहा कि इस मामले में पारदर्शिता बेहद जरूरी है, और देश के नागरिकों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि इस संवेदनशील और बहुचर्चित मामले में ग्रैंड जूरी के समक्ष क्या गवाही दी गई थी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर अदालत इस प्रक्रिया को मंजूरी देती है, तो सभी संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराए जाएंगे।
जेफरी एपस्टीन, जो यौन तस्करी और नाबालिगों के शोषण जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहा था, 2019 में हिरासत में मृत पाया गया था। उसके मामले ने वैश्विक स्तर पर कई शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों को जांच के दायरे में ला दिया था।
ट्रंप का यह कदम इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि इस मामले में पहले से ही गोपनीयता और राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर कई तरह की आशंकाएं जताई जाती रही हैं। अब ग्रैंड जूरी की गवाही सामने आने से यह उम्मीद की जा रही है कि मामले में कुछ अनसुलझे पहलुओं पर प्रकाश पड़ सकेगा और न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास बहाल होगा।