अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए नए टैरिफ ने कर्नाटक के औद्योगिक और निर्यात क्षेत्र के लिए गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। जुलाई में 25% और अगस्त में अतिरिक्त 25% शुल्क लगाए जाने के बाद राज्य का परिधान उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये टैरिफ कर्नाटक की सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSMEs) के लिए उत्पादन और लाभप्रदता दोनों को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं।
कर्नाटक के परिधान उद्योग का बड़ा हिस्सा निर्यात पर निर्भर है। अमेरिका में भारी शुल्क लगाए जाने से निर्यात उत्पादों की लागत तुरंत 20% से 35% तक बढ़ गई है। इससे ऑर्डरों में गिरावट, उत्पादन लागत में वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धियों से मुकाबला और कठिन हो गया है। उद्योग संगठनों का कहना है कि पहले ही घटते मुनाफे और बढ़ते खर्चे से जूझ रहे एमएसएमई अब और गहरे संकट में पहुंच सकते हैं।
केवल परिधान उद्योग ही नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग वस्तुओं समेत कई अन्य निर्यात क्षेत्रों को भी इस नीति से बड़ा झटका लगा है। निर्यातकों का मानना है कि यह कदम उनके लिए "ट्रेड रोडब्लॉक" साबित हो सकता है और आने वाले महीनों में हजारों नौकरियों पर भी असर डाल सकता है।
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हालांकि, व्यापारिक संगठन और उद्योग जगत अब वियतनाम, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया जैसे नए बाजारों की तलाश में जुट गए हैं, ताकि अमेरिकी बाजार पर अत्यधिक निर्भरता को कम किया जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार और उद्योग मिलकर वैकल्पिक बाजारों पर ध्यान दें तो इस संकट को अवसर में बदला जा सकता है।
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