अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार (17 नवंबर 2025) को चेतावनी दी कि कोई भी देश जो रूस के साथ व्यापार करता है, उस पर “बहुत कड़े प्रतिबंध” लगाए जाएंगे। ट्रम्प प्रशासन और रिपब्लिकन सांसद रूस को निशाना बनाने वाले कठोर कानूनों को आगे बढ़ा रहे हैं।
राष्ट्रपति ट्रम्प से पत्रकारों ने पूछा कि क्या अब समय आ गया है कि कांग्रेस रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बढ़ाने के लिए सख्त कदम उठाए। इस पर उन्होंने कहा, “मैं सुन रहा हूँ कि वे यह कर रहे हैं, और यह मेरे लिए ठीक है।” उन्होंने आगे कहा, “रिपब्लिकन बहुत कड़े प्रतिबंधों वाला कानून ला रहे हैं—ऐसे किसी भी देश पर जो रूस के साथ व्यापार कर रहा है। वे इसमें ईरान को भी शामिल कर सकते हैं। यह मैंने सुझाया था।”
ट्रम्प ने दोहराया, “रूस के साथ व्यापार करने वाला कोई भी देश बहुत गंभीर प्रतिबंधों का सामना करेगा, और हम इसमें ईरान को भी जोड़ सकते हैं।”
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ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जो दुनिया में सबसे अधिक है, जिसमें रूस से ऊर्जा खरीद पर 25% शुल्क भी शामिल है।
सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक बिल पेश किया है जिसमें रूसी तेल की पुनर्खरीद और पुनर्विक्रय पर 500% टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है। यह प्रस्ताव सीनेट विदेश संबंध समिति में लगभग सर्वसम्मति से समर्थन प्राप्त कर चुका है।
सीनेटर ग्राहम और रिचर्ड ब्लूमेंथल ने मिलकर रूस प्रतिबंध अधिनियम 2025 पेश किया है, जिसमें “उन देशों पर द्वितीयक प्रतिबंध” लगाने की बात है जो रूस-यूक्रेन युद्ध में पुतिन की मशीनरी को फंड करते रहे हैं। इस विधेयक के 85 सह-प्रायोजक हैं।
दोनों सीनेटरों ने जुलाई में एक संयुक्त बयान में कहा था कि चीन, भारत और ब्राज़ील जैसे देश सस्ते रूसी तेल और गैस खरीदकर पुतिन की युद्ध मशीन को सहयोग दे रहे हैं, और इन देशों पर टैरिफ इस युद्ध को समाप्त करने में “अंतिम हथौड़ा” साबित होगा।
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