असम में पूर्वोत्तर भारत की सीमा क्षेत्रीय सुरक्षा के बीच एक गंभीर घटना सामने आई है। आतंकवादी संगठन ULFA(I) ने एक सेना पर हमला किया, जिसमें तीन जवान घायल हो गए। घायल सैनिकों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
घटनास्थल पर सेना और स्थानीय पुलिस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। इलाके की निगरानी बढ़ा दी गई है और आतंकवादियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए खोज अभियान तेज कर दिया गया है। अधिकारी इस हमले को सुरक्षा चुनौती के रूप में देख रहे हैं और इसे तुरंत नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रहे हैं।
आतंकवादी संगठन ULFA(I) ने हमले की जिम्मेदारी ली है और इसे ‘ऑपरेशन वेंजेंस’ का हिस्सा बताया है। संगठन ने कहा कि यह हमला जुलाई में हुई कथित ड्रोन स्ट्राइक के जवाब में किया गया। ULFA(I) के बयान में यह भी कहा गया कि संगठन भारत की सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर अपनी ताकत और अस्तित्व का प्रदर्शन करना चाहता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला पूर्वोत्तर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए नई चुनौती पैदा कर सकता है। सेना और पुलिस संयुक्त रूप से इलाके में सुरक्षा बढ़ा रही है और स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें।
इस घटना ने देश में सुरक्षा बलों की सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी रणनीति पर भी बहस को तेज कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसे हमले सेना और पुलिस की तत्परता और पूर्व तैयारी के महत्व को उजागर करते हैं।
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