उत्तरकाशी में हाल ही में आई अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) के कारणों को लेकर अभी भी स्पष्टता नहीं है। 3 से 5 अगस्त के बीच हुई अत्यधिक भारी वर्षा को विशेषज्ञ संभावित कारण मान रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसे क्लाउडबर्स्ट (बादल फटना) करार देने से इंकार किया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, क्लाउडबर्स्ट वर्षा का एक अत्यंत तीव्र और स्थानीयकृत रूप होता है, जिसमें बेहद कम समय में अत्यधिक मात्रा में बारिश होती है। इस तरह की घटना की पुष्टि करना या पहले से अनुमान लगाना बेहद कठिन होता है। उत्तरकाशी में हुई बारिश भले ही अत्यधिक थी, लेकिन उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर इसे क्लाउडबर्स्ट कहना फिलहाल संभव नहीं है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अधिकारियों का कहना है कि इस अवधि में उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्रों में लगातार तेज बारिश हुई, जिससे नदियों और नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इस वजह से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने।
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स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। कई गांवों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, जबकि पुल और बुनियादी ढांचा भी प्रभावित हुआ है। राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर और अन्य साधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में चरम मौसम घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है, जिससे भविष्य में ऐसे हादसों की संभावना और बढ़ सकती है।
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