उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश फैक्ट्रियां (संशोधन) अधिनियम लागू कर दिया गया है। राज्य सरकार ने मंगलवार (4 नवंबर 2025) को बताया कि इस कानून के लागू होने से औद्योगिक विकास की गति तेज होगी, उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे।
इस संशोधन के तहत राज्य सरकार को फैक्ट्रियों में अधिकतम दैनिक कार्य घंटे 8 से बढ़ाकर 12 घंटे करने का अधिकार मिल गया है, बशर्ते कि साप्ताहिक कार्य घंटे 48 घंटे से अधिक न हों। इसका उद्देश्य औद्योगिक उत्पादन में लचीलापन लाना और श्रमिकों की कार्यप्रणाली को आधुनिक औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है।
नए प्रावधानों के अनुसार, श्रमिक अब उनकी लिखित सहमति के साथ लगातार 6 घंटे तक बिना विराम के काम कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि किसी उद्योग में असाधारण कार्यभार हो, तो सरकार अब तिमाही ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे तक कर सकती है।
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संशोधन का एक प्रमुख बिंदु यह है कि महिला श्रमिकों को अब रात्रि पाली (नाइट शिफ्ट) में काम करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते कि वे इसकी लिखित सहमति दें और सभी सुरक्षा व स्वास्थ्य मानकों का पालन किया जाए।
साथ ही, निर्धारित कार्य घंटों से अधिक काम करने वाले श्रमिकों को दोगुनी दर से ओवरटाइम मजदूरी दी जाएगी।
श्रम विभाग के प्रमुख सचिव अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि यह संशोधन उत्तर प्रदेश को औद्योगिक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाएगा और राज्य के 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
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