अमेरिकी विदेश विभाग ने नाइजीरिया के लिए संभावित 346 मिलियन डॉलर के हथियार सौदे को मंजूरी दे दी है। इस सौदे का उद्देश्य उप-सहारा अफ्रीका के इस देश में सुरक्षा को मजबूत करना है।
अमेरिका का यह कदम ऐसे समय आया है जब नाइजीरिया कई सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है, जिनमें आतंकी संगठनों की हिंसा, सशस्त्र गिरोहों की गतिविधियाँ और आंतरिक संघर्ष शामिल हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए नाइजीरिया अपनी सैन्य क्षमता को उन्नत करने का प्रयास कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इस हथियार सौदे में अत्याधुनिक हथियार, गोला-बारूद और तकनीकी सहायता शामिल होगी। यह सौदा अमेरिकी रक्षा उद्योग और नाइजीरिया के बीच सुरक्षा सहयोग को और गहरा करेगा। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि यह कदम न केवल नाइजीरिया की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता में भी योगदान देगा।
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हालाँकि, इस तरह के हथियार सौदों पर मानवाधिकार संगठनों की ओर से अक्सर सवाल उठते रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि हथियारों की आपूर्ति के बावजूद अफ्रीकी देशों में सुरक्षा चुनौतियाँ बनी रहती हैं और कभी-कभी इन हथियारों का दुरुपयोग भी हो सकता है।
फिर भी, अमेरिका का मानना है कि इस सौदे से नाइजीरिया की सुरक्षा बलों को आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने में मदद मिलेगी। अब इस सौदे को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी भी आवश्यक होगी।
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