अमेरिका और चीन के शीर्ष आर्थिक अधिकारी शनिवार (25 अक्टूबर 2025) को कुआलालंपुर में आमने-सामने होंगे ताकि बढ़ते व्यापार युद्ध को टाला जा सके और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित बैठक को सफल बनाया जा सके। यह बातचीत आसियान (ASEAN) शिखर सम्मेलन के इतर हो रही है, जहां दोनों पक्ष व्यापारिक तनाव कम करने का रास्ता खोज रहे हैं।
हाल ही में ट्रंप ने 1 नवंबर से चीनी वस्तुओं पर 100% नए टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जो चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी धातुओं (rare earths) के निर्यात नियंत्रण बढ़ाने के जवाब में है। इससे दोनों देशों के बीच मई से चली आ रही नाजुक व्यापारिक युद्धविराम स्थिति टूटने लगी है।
अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट, व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर और चीनी उपप्रधानमंत्री हे लिफेंग के बीच यह वार्ता ट्रंप-शी बैठक का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दोनों पक्ष कोई अंतरिम समझौता नहीं करते हैं, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
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अमेरिका ने चीन पर 2020 के “फेज वन” व्यापार समझौते का पालन न करने का आरोप लगाते हुए नई जांच शुरू की है, जो ट्रंप प्रशासन को चीनी आयातों पर और अधिक टैरिफ लगाने का कानूनी आधार दे सकती है।
इसी बीच, चीन ने 10 अक्टूबर को दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर नियंत्रण कड़ा कर दिया, जबकि अमेरिका ने हजारों चीनी कंपनियों को अपनी निर्यात ब्लैकलिस्ट में जोड़ा। अब दोनों देशों की कोशिश यह है कि वे किसी प्रकार फिर से व्यापारिक संतुलन बहाल कर सकें और बड़े टकराव से बच सकें।
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