भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण से जुड़े टैरिफ मुद्दों पर वार्ता आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 10 से 12 दिसंबर के बीच भारत का दौरा करेगा। यह बैठक औपचारिक वार्ता दौर का हिस्सा नहीं होगी, लेकिन दोनों पक्षों को उम्मीद है कि टैरिफ विवादों को सुलझाने में “मजबूत प्रगति” हासिल की जाएगी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (MoCI) के सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डिप्टी यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रिक स्विट्जर करेंगे। भारतीय पक्ष का नेतृत्व दर्पण जैन, संयुक्त सचिव (MoCI), करेंगे।
पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में उतार-चढ़ाव आए हैं, विशेष रूप से टैरिफ और बाजार पहुंच जैसे मुद्दों पर। अमेरिका ने भारत के कई उत्पादों पर शुल्क बढ़ाया है, जबकि भारत ने भी कुछ अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधी टैरिफ लागू किए थे। इस पृष्ठभूमि में यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन सुधारने और विवाद कम करने के प्रयासों को गति मिल सकती है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से अहम है क्योंकि आर्थिक सहयोग को मजबूत करना व्यापक इंडो-पैसिफिक साझेदारी के दृष्टिकोण से भी जरूरी है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि व्यापार बाधाओं को कम करना और शुल्क संरचना को सरल बनाना द्विपक्षीय व्यापार को गति देगा।
इस दौरे के दौरान टीमें टैरिफ ढांचे, व्यापार बाधाओं, और भविष्य की वार्ताओं के लिए संभावित मार्गों पर विस्तृत चर्चा करेंगी। हालांकि इसे औपचारिक वार्ता दौर के रूप में नहीं देखा जा रहा, लेकिन यह भविष्य में होने वाले बड़े समझौतों की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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