आंध्र प्रदेश के महानगर और शहरी विकास मंत्री नारायण ने कहा है कि विजाग में शहर के सभी गंदे पानी (सेवेज) को समुद्र में छोड़े जाने से पहले शुद्ध किया जाएगा। उनका कहना है कि यह कदम पर्यावरण की सुरक्षा और समुद्री पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है।
विजाग में कुल 25 प्रमुख नाले समुद्र में खुलते हैं। इनमें से 13 नालों को पहले ही अंडरग्राउंड ड्रेनेज (UGD) सिस्टम से जोड़ा जा चुका है। शेष 12 नालों के लिए विशेष ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिससे गंदा पानी सुरक्षित रूप से शुद्ध किया जा सके। मंत्री नारायण ने बताया कि यह ट्रीटमेंट प्लांट आधुनिक तकनीक से लैस होंगे और पानी को प्रदूषण रहित स्तर तक शुद्ध करेंगे।
मंत्री ने कहा कि यह पहल समुद्र और आसपास के पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित करने के लिए अहम है। शहर के नागरिकों से अपील की गई है कि वे गंदा पानी उचित नालियों में ही छोड़ें।
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नगर निगम और संबंधित विभाग ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण और संचालन की निगरानी करेंगे। इस परियोजना से विजाग में समुद्र में बहने वाले पानी की गुणवत्ता बेहतर होगी और समुद्री जीवन सुरक्षित रहेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि तटीय शहरों में सीधे समुद्र में गंदा पानी छोड़े जाने से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। नारायण ने आश्वासन दिया कि सभी नालों के UGD सिस्टम से जुड़ने और ट्रीटमेंट प्लांट चालू होने के बाद, विजाग में समुद्र में बहने वाले पानी की गुणवत्ता पूर्ण रूप से सुरक्षित होगी और शहर का पर्यावरणीय संतुलन भी बेहतर होगा।
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