पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बड़ी कार्रवाई करते हुए 269 “दागी” उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब राज्य में 35,726 शिक्षकों की भर्ती सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षकीय कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी थी और 2016 की भर्ती प्रक्रिया को “दागी” करार दिया था।
शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक नोटिस में WBSSC ने बताया कि जिन 269 उम्मीदवारों को हटाया गया है, उनमें कई ऐसे दिव्यांग उम्मीदवार भी शामिल हैं जो पहले 2016 की दागी सूची में शामिल थे और अब किसी तरह फिर से मौजूदा भर्ती प्रक्रिया में दाखिल हो गए थे।
कमीशन ने कहा कि यह कार्रवाई पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है, ताकि वर्तमान भर्ती प्रक्रिया पर किसी तरह का संदेह न रहे। आयोग ने आम जनता से अपील भी की है कि यदि किसी और ऐसे उम्मीदवार के बारे में जानकारी हो जो पहले दागी लिस्ट में रहा हो और अब भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो गया हो, तो इसकी सूचना तुरंत आयोग को दें।
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कमीशन ने यह भी स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए की जा रही है। इस कदम का उद्देश्य योग्य उम्मीदवारों को अवसर देना और सिस्टम में वर्षों से चली आ रही अनियमितताओं को समाप्त करना है।
2016 की नियुक्तियों से जुड़ा यह मामला लंबे समय से राज्य में विवाद का विषय रहा है। अब नई भर्ती प्रक्रिया पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, और WBSSC का यह फैसला प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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