पश्चिम बंगाल में 2026 विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से अब तक लगभग 7.62 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म डिजिटल किए जा चुके हैं। यह जानकारी भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
ECI अधिकारी के अनुसार 6 दिसंबर 2025 की दोपहर तक वितरित कुल एन्यूमरेशन फॉर्मों में से 99.43% फॉर्मों का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका था। यह अभियान राज्य में व्यापक मतदाता सत्यापन और सुधार प्रक्रिया का हिस्सा है, जिससे मतदाता सूची को अधिक सटीक और अद्यतन बनाया जा सके।
पश्चिम बंगाल इस समय फॉर्म डिजिटलीकरण के मामले में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सूची में आठवें स्थान पर है। इस सूची में लक्षद्वीप, राजस्थान, गोवा, अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पुडुचेरी पहले सात स्थानों पर हैं।
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अधिकारी ने बताया कि 4 नवंबर 2025 को SIR प्रक्रिया शुरू होने के बाद से 6 दिसंबर 2025 तक कुल 7,66,16,840 एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित किए गए। इनमें से अधिकांश फॉर्म घर-घर सर्वेक्षण, मतदाता सत्यापन और नए मतदाता पंजीकरण प्रक्रियाओं के लिए उपयोग किए गए थे।
SIR प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव से पहले मतदाता सूची की सभी प्रविष्टियाँ सही, संपूर्ण और अद्यतन हों। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ होने लगी हैं और निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि हर पात्र व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल हो।
डिजिटलीकरण की तेज़ गति से कार्य करने के लिए जिला चुनाव अधिकारियों, बूथ स्तर अधिकारियों (BLOs) और टेक्निकल टीमों को लगातार लगाया गया है। आयोग का मानना है कि इस प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी और भविष्य में मतदाता सूची में त्रुटियों की संभावना कम होगी।
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