यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस के साथ व्यापार पर कठोर शुल्क और प्रतिबंध लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट की एक श्रृंखला में कहा कि रूस को कमजोर करने के लिए केवल सैन्य दबाव ही नहीं, बल्कि आर्थिक स्तर पर भी ठोस कदम उठाना अनिवार्य है।
ज़ेलेंस्की ने अपने संदेश में स्पष्ट किया कि रूस की अर्थव्यवस्था अब भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार और ऊर्जा निर्यात पर आधारित है। ऐसे में यदि वैश्विक समुदाय एकजुट होकर रूस पर अतिरिक्त टैरिफ और कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए, तो उसकी युद्ध छेड़ने की क्षमता काफी हद तक प्रभावित होगी।
उन्होंने कहा कि यह कदम सिर्फ यूक्रेन के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे यूरोप और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए आवश्यक है। उनके अनुसार, लोकतांत्रिक देशों को चाहिए कि वे रूस की आक्रामक नीतियों का विरोध करें और आर्थिक स्तर पर उस पर दबाव बढ़ाएं। ज़ेलेंस्की का मानना है कि कठोर आर्थिक नीतियां रूस को युद्ध जारी रखने से रोक सकती हैं और उसके संसाधनों पर सीधा असर डाल सकती हैं।
और पढ़ें: यूक्रेन में शांति की संभावना धूमिल, रूस ने की व्यापक हवाई हमले
विश्लेषकों का मानना है कि ज़ेलेंस्की की यह अपील पश्चिमी देशों, विशेषकर यूरोपीय संघ और अमेरिका, को और अधिक सख्त कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकती है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में रूस पर और अधिक व्यापारिक शुल्क तथा प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक ऊर्जा बाज़ार और आपूर्ति श्रृंखला पर गंभीर असर डाला है। उनके अनुसार, आर्थिक दबाव ही रूस की सैन्य ताकत को कमजोर करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
और पढ़ें: मोदी ने ज़ेलेंस्की से बात में यूक्रेन शांति समझौते के लिए भारत का समर्थन दोहराया