भूटान की राजधानी थिम्फू में ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल की शुरुआत हुई, जो 4 से 17 नवंबर तक चलेगा। यह ऐतिहासिक आध्यात्मिक आयोजन विश्वभर के बौद्ध नेताओं, साधकों और शांति समर्थकों को एकजुट कर रहा है। इसका उद्देश्य करुणा, सौहार्द और वैश्विक शांति को बढ़ावा देना है।
यह 13 दिवसीय महोत्सव भूटान की रॉयल सरकार द्वारा आयोजित किया गया है, जिसमें थेरवाद, महायान और वज्रयान परंपराओं के प्रमुख लामाओं, विद्वानों और अनुयायियों ने भाग लिया है। आयोजन का मकसद सभी बौद्ध परंपराओं को एक साथ लाकर प्रेम, दया और जागरूकता के माध्यम से शांति की भावना को सशक्त बनाना है।
उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत कुन्सेलफोद्रांग में केंद्रीय मठ समुदाय द्वारा किए गए पवित्र ‘जाब्झी धोएछोग’ अनुष्ठान से हुई। यह दुर्लभ अनुष्ठान शारीरिक, वाचिक और मानसिक शुद्धि के लिए किया जाता है, जिसमें शांतिपूर्ण अर्पण और रक्षक प्रार्थनाएं शामिल हैं।
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फेस्टिवल के दौरान चांगलिमिथांग मैदान में ग्लोबल पीस प्रेयर का आयोजन होगा, जिसमें वज्रयान और अन्य बौद्ध संप्रदायों के प्रतिनिधि विश्व शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। ये प्रार्थनाएं अंग्रेजी, तिब्बती और जोंगखा भाषाओं में की जाएंगी।
बाद में प्रमुख लामाओं द्वारा सार्वजनिक आशीर्वाद दिया जाएगा और सामूहिक रूप से ‘बजागुरु मंत्र’ का पाठ होगा। इसके अतिरिक्त, कलचक्र दीक्षा और शिक्षाएं उनके परम पूज्य जे खेनपो द्वारा दी जाएंगी, जिसमें व्यक्ति और ब्रह्मांड के संबंध तथा सभी प्राणियों में निहित बुद्धत्व की व्याख्या की जाएगी।
फेस्टिवल के दौरान 250 से अधिक बौद्ध भिक्षुणियों को ‘गेलोंगमा दीक्षा’ भी दी जाएगी, जो महिला साधुओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
भूटान का यह आयोजन न केवल बौद्ध आध्यात्मिकता का उत्सव है, बल्कि यह वैश्विक करुणा, एकता और शांति का संदेश भी देता है।