जर्मनी के 16 वर्षीय फुटबॉल सनसनी केनेट आइकहॉर्न ने न सिर्फ रिकॉर्ड बुक्स में धमाकेदार एंट्री की है, बल्कि यूरोप के बड़े-बड़े फुटबॉल क्लबों को भी अपने पीछे दौड़ा दिया है। हर्था बर्लिन के इस डिफेंसिव मिडफील्डर को उनके खेल अंदाज़ और मैच कंट्रोल करने की क्षमता के कारण "नेक्स्ट टोनी क्रूस" कहा जा रहा है।
2009 में जन्मे आइकहॉर्न ने तेजी से हर्था की युवा टीमों से आगे बढ़ते हुए सीनियर टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। 6 फुट 1 इंच लंबे आइकहॉर्न मैदान पर डिफेंस और अटैक के बीच ट्रांजिशन के मुख्य आधार माने जाते हैं। उनकी बॉल कंट्रोल, शांत स्वभाव और मैच की रफ्तार तय करने की क्षमता उन्हें क्रूस जैसी पहचान दिला रही है।
आइकहॉर्न ने 2. बुंडेसलीगा में सिर्फ 16 साल 14 दिन की उम्र में डेब्यू कर इतिहास रच दिया। इसके बाद उन्होंने डिएफबी-पोकल (जर्मन कप) में काइज़रसलाउटर्न के खिलाफ 6-1 की जीत में अपना पहला सीनियर गोल दागा, जिससे वे डिएफबी-पोकल के युद्धोत्तर इतिहास के सबसे कम उम्र के गोलस्कोरर बन गए। उन्होंने जूड बेलिंघम का रिकॉर्ड भी तोड़ा। हर्था के लिए भी वे सबसे युवा गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए।
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क्या बनाता है केनेट आइकहॉर्न को खास?
उनके कोच और साथी खिलाड़ी उन्हें “असाधारण प्रतिभा” बताते हैं। कुछ वर्ष पहले उनकी शारीरिक मजबूती पर सवाल उठे थे, लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत कर अपनी फिटनेस और ताकत में जबरदस्त सुधार किया।
कम उम्र के बावजूद, वे हर्था की वरिष्ठ टीम में नियमित रूप से खेल रहे हैं। वे जर्मनी की अंडर-17 टीम की कप्तानी भी कर चुके हैं और यूरोपीय अंडर-17 क्वालिफायर में दो गोल कर चुके हैं।
यूरोप के कई शीर्ष क्लबों की निगाहें अब इस उभरते सितारे पर टिक गई हैं, जो जल्द ही ट्रांसफर मार्केट का सबसे बड़ा नाम बन सकता है।
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