स्विट्ज़रलैंड के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर की मौजूदगी में हुए मैच में वाचेरोट ने अपने चचेरे भाई रिंडरक्नेच को हराकर शंघाई मास्टर्स का खिताब अपने नाम किया। रोमांचक मुकाबले की शुरुआत में रिंडरक्नेच ने पहले ब्रेक लेकर 2-1 की बढ़त बना ली थी। वाचेरोट की ओर से हुई कुछ अनफोर्स्ड गलतियों का फायदा उठाते हुए रिंडरक्नेच ने शुरुआती सेट में दबदबा बनाया।
हालांकि, वाचेरोट ने जल्दी ही अपनी लय वापस पाई और मैच में जोरदार वापसी की। उन्होंने आक्रामक खेल और सटीक शॉट्स के जरिए रिंडरक्नेच पर दबाव डाला। दूसरे सेट में वाचेरोट ने बेहतर स्ट्रोकिंग और कंसिस्टेंट सर्व के जरिए अपने प्रतिद्वंदी को कड़ी चुनौती दी।
तीसरे सेट में वाचेरोट ने अपनी मानसिक ताकत और मैच की समझ का फायदा उठाया। रिंडरक्नेच कई महत्वपूर्ण प्वाइंट गंवा बैठे, जिससे वाचेरोट ने निर्णायक मोड़ पर कब्जा जमा लिया। खेल के इस उच्च स्तर ने दर्शकों को रोमांच से भर दिया और स्विस टेनिस आइकन फेडरर भी मैदान के किनारे से इस प्रतिस्पर्धा का आनंद लेते नजर आए।
और पढ़ें: अल्काराज़ ने फ्रिट्ज़ को हराकर जीता जापान ओपन खिताब
वाचेरोट की जीत उनकी खेल क्षमता, फोकस और मैच में रणनीति की स्पष्ट झलक दिखाती है। इस खिताब के साथ ही वाचेरोट ने न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि दर्ज की बल्कि अपने करियर में नई ऊंचाई भी छुई। शंघाई मास्टर्स में इस प्रकार के मुकाबले टेनिस प्रेमियों के लिए हमेशा यादगार रहते हैं।
वाचेरोट और रिंडरक्नेच दोनों ने शानदार खेल दिखाया, लेकिन इस बार वाचेरोट ने जीत की पटरी पर कब्जा जमाया।
और पढ़ें: पैरा स्वर्ण पदक विजेता सिमरन के गाइड उमर सैफी डोप टेस्ट में फेल, पदक पर संकट के बादल