स्पेन के महान फुटबॉलर और पूर्व मिडफील्डर ज़ावी हर्नांडेज़ ने जब अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) में कोच पद के लिए आवेदन भेजा, तो यह सभी के लिए एक चौंकाने वाली खबर थी। फुटबॉल की दुनिया में ज़ावी का नाम बेहद प्रतिष्ठित है, और उनका आवेदन मिलना खुद AIFF के लिए भी एक आश्चर्यजनक अनुभव रहा।
हालांकि, AIFF ने स्पष्ट किया कि ज़ावी की नियुक्ति को आगे बढ़ाना उनके बजट से काफी बाहर था। ज़ावी जैसे विश्वस्तरीय खिलाड़ी को कोच के रूप में नियुक्त करने के लिए न केवल एक बड़ा वित्तीय निवेश चाहिए, बल्कि उच्च स्तर की लॉजिस्टिक्स, स्टाफ और इन्फ्रास्ट्रक्चर की भी आवश्यकता होती है, जो वर्तमान में AIFF के लिए संभव नहीं है।
AIFF ने ज़ावी के आवेदन को सम्मानपूर्वक स्वीकार किया, लेकिन इस पर आगे कार्रवाई नहीं कर सकी। सूत्रों के अनुसार, अब इस भूमिका के लिए एक भारतीय कोच को प्राथमिकता देने की योजना है। इससे न केवल आर्थिक संतुलन बना रहेगा, बल्कि घरेलू प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
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AIFF का मानना है कि भारतीय कोच स्थानीय खिलाड़ियों की मानसिकता और जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं, जिससे टीम के प्रदर्शन में निरंतरता लाई जा सकती है। ज़ावी की ओर से किया गया यह आवेदन जरूर federation के लिए एक गर्व का विषय बना, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारतीय नेतृत्व को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
यह घटना दर्शाती है कि भारत फुटबॉल के वैश्विक नक्शे पर ध्यान खींचने लगा है और भविष्य में ऐसी और दिलचस्प संभावनाएं सामने आ सकती हैं।
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