ईडन गार्डन्स में खेला गया पहला टेस्ट भारत के लिए एक मजबूत शुरुआत साबित होना था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका से तीन दिनों में 30 रन की हार ने भारतीय क्रिकेट में वर्षों बाद सबसे तीखी ‘पिच बहस’ को जन्म दे दिया। यह मैच, जो घरेलू सीरीज़ के लिए भारत के इरादों का प्रतीक माना जा रहा था, अब दो दिग्गजों—सौरव गांगुली और गौतम गंभीर—के बीच सार्वजनिक टकराव का कारण बन गया है।
पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष रह चुके सौरव गांगुली ने Indian Witness को दिए इंटरव्यू में टीम मैनेजमेंट की पिच नीति की खुलकर आलोचना की। हेड कोच गौतम गंभीर की ओर स्पष्ट संदेश देते हुए गांगुली ने कहा, “अच्छी विकेट पर खेलो। मैं उम्मीद करता हूं कि गौतम गंभीर सुन रहे होंगे। मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है, वह कड़े प्रतिस्पर्धी हैं, और कोच के रूप में उन्होंने अच्छा काम किया है। लेकिन उन्हें अच्छी विकेट पर खेलना चाहिए, क्योंकि उनके पास बुमराह, सिराज, शमी, कुलदीप और जडेजा जैसे गेंदबाज़ हैं।”
गांगुली का तर्क साफ था—जब टीम के पास विश्वस्तरीय गेंदबाज़ हैं, तब घरेलू मैदान पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पिच को अत्यधिक स्पिन या सीमिंग बनाने की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए। उनका मानना है कि ऐसी रणनीति लंबे समय में टीम के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है और विपक्षियों को भारत की पिच नीति पर उंगली उठाने का मौका देती है।
दूसरी ओर, गंभीर अब तक इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोले हैं, लेकिन टीम मैनेजमेंट पर सवाल बढ़ गए हैं। ईडन गार्डन्स की पिच, जो शुरू से ही अधिक टर्न और असामान्य सीम मूवमेंट दे रही थी, हार की बड़ी वजह बनी। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जैसी मजबूत गेंदबाज़ी लाइनअप को ‘डॉक्टर्ड पिच’ की ज़रूरत नहीं, बल्कि संतुलित विकेट चाहिए जो बल्लेबाज़ों को भी मौका दे।
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यह विवाद बताता है कि भारतीय टीम के अंदर रणनीति को लेकर मतभेद स्पष्ट रूप से सतह पर आ रहे हैं।
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