हॉकी इंडिया ने जूनियर महिला टीम के एक कोच पर लगे यौन दुराचार के आरोपों की आंतरिक जांच पूरी कर ली है और कहा है कि जांच में ऐसा कोई भी सबूत सामने नहीं आया है, जिससे आरोप साबित हो सकें। इसके साथ ही कोच को 1 दिसंबर से सैंटियागो, चिली में होने वाले जूनियर वर्ल्ड कप में टीम के साथ यात्रा की अनुमति दे दी गई है।
फेडरेशन ने पीटीआई को दिए एक विशेष बयान में बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाए जाने के बाद हॉकी इंडिया ने यह जांच शुरू की थी। लेकिन न तो हॉकी इंडिया (HI) और न ही स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) को इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत मिली थी।
हॉकी इंडिया ने कहा, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम में यौन दुराचार का आरोप लगाया गया था। लेकिन हमें कोई आधिकारिक शिकायत या कोई ठोस जानकारी नहीं मिली।”
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फिर भी, POSH एक्ट 2013 के तहत गठित इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी ने शुक्रवार को सभी खिलाड़ियों से व्यक्तिगत रूप से बात की। समिति को किसी भी प्रकार की गलत हरकत का प्रमाण नहीं मिला। खिलाड़ियों ने भी अपने साथ जाने वाले कोच और सपोर्ट स्टाफ पर पूरा भरोसा जताया।
हॉकी इंडिया ने कहा कि खिलाड़ी सुरक्षा, खासकर महिलाओं और नाबालिगों की सुरक्षा, उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी उद्देश्य से SOP के अनुसार महिला सपोर्ट स्टाफ को भी दल में शामिल किया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय और SAI के पास भी कोई शिकायत नहीं पहुंची है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में रहते हुए यह भी स्पष्ट हुआ कि किसी प्रकार की शिकायत उन्हें प्राप्त नहीं हुई। इसलिए कोच को टीम के साथ यात्रा करने से नहीं रोका गया।
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