चीन अपनी मुद्रा युआन के वैश्विक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए युआन-समर्थित स्थिरकॉइन (Stablecoin) लॉन्च करने पर विचार कर रहा है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन में युआन की पकड़ मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
चीन की कैबिनेट, जिसे स्टेट काउंसिल कहा जाता है, इस महीने के अंत तक एक रोडमैप की समीक्षा और संभावित स्वीकृति पर विचार कर सकती है। इस रोडमैप का उद्देश्य यह तय करना होगा कि युआन आधारित डिजिटल संपत्तियों का वैश्विक स्तर पर कैसे और किस गति से उपयोग बढ़ाया जा सकता है।
स्थिरकॉइन डिजिटल मुद्रा का एक ऐसा रूप है, जो किसी स्थिर परिसंपत्ति जैसे अमेरिकी डॉलर या सोने से जुड़ा होता है, ताकि उसकी कीमत में उतार-चढ़ाव न हो। यदि चीन युआन-समर्थित स्थिरकॉइन लॉन्च करता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार, सीमा पार भुगतान और विदेशी मुद्रा भंडार में युआन के उपयोग को बढ़ा सकता है।
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वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम करने और चीन की मुद्रा को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में रणनीतिक प्रयास है। हालांकि, इसके साथ वैश्विक नियामकीय चुनौतियां भी जुड़ी होंगी, क्योंकि कई देश डिजिटल मुद्राओं और स्थिरकॉइन के नियमन को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं।
यदि स्टेट काउंसिल इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो यह चीन के डिजिटल वित्तीय ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में बड़े बदलाव की शुरुआत भी हो सकती है।
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